सब कुछ है मेरे पास
बस जैसे तु नही है
ख़ाली पडा है
जिस्म जैसे रुह नही है
टुट सा गया हु आके होंसला तो दे
वफा कर या नफरत कुछ सिला तो दे
ना मुझे चैन, ना जी ही पा रहा हु
गर हो सके मुझे
जीने की वजह तो दे
सूरज डुबा है जैसे मेरे ख्यालो का
दरबदर डुन्ड्ता हु निसां तेरे उजालो का
मेरी मासुमियत को मेरी कमजोरी समझा किया तुने
तु बता लाउ कहाँ से जवाब मैं तेरे सवालो का
अब मैं हू तो तुझको विश्वास है मेरे प्यार का
कल जब मैं नही हुंगा वास्ता देगा कौन यार का
ळोगो को नफरत होगी अपनी उस जीत से
जब वो देखेंगे सिलसिला मेरी हार का
वो कुछ पल देंगे साथ तेरा
फिर खिंचेंगे हाथ तेरा
भीड तो बहुत होगी मगर कोइ अपना नही होगा
उस पल तुम याद करोंगे प्यार मेरा
जब तक तुझे ऐतबार होगा
मेरा सीना ज़ख्मो से तार तार होगा
जो छलकेंगे बनकर आंखो से तेरी
वही तेरे दिल मे मेरा प्यार होगा
जब जब हम मिलेंगे इस
दुनिया मे
बार बार होगा हर बार होगा
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