तुम दिल से मुझे भुलाओगे कैसे
तुम यादों को मेरी मिटाओगे कैसे
दफ़न राज रखता था जो शीने मे अपने
अब इस राज़ को तुम छुपाओंगे कैसे
ना पत्थर हू मैं, ना मैं पानी ही हूँ
इक छोटी सी आग जवानी की हूँ
ना बीत जाएँ रातें इशी कशमकश मे
लगी आग दिल मे बुझाओगे कैसें
झलकता है आँसू जब आँखों मे तेरी
थम जाती है दिल की धड़कन भी मेरी
तुम चेहरा तो बेसक छुपालोगे अपना
बहकते कदम रोक पाओगे कैसे
सजदों मे माँगा है दुआओं मे माँगा है
तुझे मैने हर पल वफाओ मे माँगा है
ऐतबार नही गर मोहब्बत पर मेरी
मोहब्बत को कामिल बनाओगे कैसें
ख्वाहिस ना मुझे ओर जीने की होती
वक़्त पे ना बात अगर पीने की होती
बहा चला हूँ गम अपना मैखाने मे साथी
बिना मेरे उम्र ये बीताओगे कैसें
दफ़न राज रखता था जो शीने मे अपने
अब इस राज़ को तुम छुपाओंगे कैसे ||
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