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Showing posts from May, 2018

Chahat Teri

तेरी चाहत मे आज हम, बन के दीवाने चल दिए हमको ना था ये पता, खुद को मिटाने चल दिए खुसबू तेरी, तेरा बदन, आँखें तेरी, माने ना मन चेहरा तेरा जैसे विमल, होठ तेरे जैसे खिलता कॅमल  हमने जो देखा एक नज़र से, सब कुछ भुला कर चल दिए तेरी चाहत मे आज हम, बन के दीवाने चल दिए हमको ना था ये पता, खुद को मिटाने चल दिए मेरे ख़यालो मे सूरत तेरी, मिल जा मुझे है ज़रूरत तेरी नही जी पाऊ्‍गा तुझसे जुदा, रूठा है क्यू मुझ से मेरा खुदा माँगी थी मैने खुशिया खुदा से, गम संग चल दिए तेरी चाहत मे आज हम, बन के दीवाने चल दिए हमको ना था ये पता, खुद को मिटाने चल दिए तुमसे मिला तो जाना मैने, प्यार होता है क्या ये माना मैने मेरे मोहब्बत है तेरे लिए, जैसे बनी हो तू मेरे लिए पहले तो जैसे फिकी थी ज़िंदगी तुमसे जुड़ा तो रंग चल दिए तेरी चाहत मे आज हम, बन के दीवाने चल दिए हमको ना था ये पता, खुद को मिटाने चल दिए https://ravimusicpoems.blogspot.com/

Saaaya.....( A Shadow)

मुझे छोड़ कर तुम जाओगे कहाँ मैं  हू तेरा मुझे पाओगे वहाँ अगर यकीन नही था मुझ पर, एक बार कहा तो होता मेरे दिल ने तेरा दिया वो दर्द ना सहा होता सुकून देना चाहा था बस मैने दिल को तेरे वरना अपना दिल देके तुझे, तेरा दिल लिया ना होता नींदे थी मेरी पर सपने तेरे थे तू करीब थी बस दिल के, दूर अपने मेरे थे पा ना सका मैं प्यार तेरा क्या कमी थी मुझमे जब होश मे थी दुनिया सारी, वो हालत मुझे घेरे थे अब भी कोई रंजिस है तुझे तो शौक़ से पूरी कर मैं सामने पाता हू तुम्हे तो दिल को लगता है डर कहीं हो जाए कोई गुनाह ना मेरी नज़रो से अपनी नज़रो को अब मेरे चहरे से दूर तो कर सुबह भी होगी इस अंधेरी रात के बाद  कुछ भी याद नही मुझे उस मुलाक़ात के बाद फिर तेरे रास्ते नही आऊगा मैं कभी तनहा रहना अच्छा लगता है तेरे साथ के बाद तुमसे सीखा है मैने वो अदब ज़िंदगी का जान गया हू मैं होता क्या है सबख आशिकी का सोचता हू उस वक़्त मैं तुमसे ना मिला होता सबब ना ढूंड रा होता आज मैं तेरी बंदगी का हो भी गये अगर रुखसत तुम मेरे दिलो दिमाग़ से दिल होता है रोशन प्यार से, मगर जल

ऐतबार

सब कुछ है मेरे पास बस जैसे तु नही है ख़ाली पडा है जिस्म जैसे रुह नही है टुट सा गया हु आके होंसला तो दे वफा कर या नफरत कुछ सिला तो दे ना मुझे चैन , ना जी ही पा रहा हु गर हो सके मुझे जीने की वजह तो दे सूरज डुबा है जैसे मेरे ख्यालो का दरबदर डुन्ड्ता हु निसां तेरे उजालो का मेरी मासुमियत को मेरी कमजोरी समझा किया तुने तु बता लाउ कहाँ से जवाब मैं तेरे सवालो का अब मैं हू तो तुझको विश्वास है मेरे प्यार का कल जब मैं नही हुंगा वास्ता देगा कौन यार का ळोगो को नफरत होगी अपनी उस जीत से जब वो देखेंगे सिलसिला मेरी हार का वो कुछ पल देंगे साथ तेरा फिर खिंचेंगे हाथ तेरा भीड तो बहुत होगी मगर कोइ अपना नही होगा उस पल तुम याद करोंगे प्यार मेरा जब तक तुझे ऐतबार होगा मेरा सीना ज़ख्मो से तार तार होगा जो छलकेंगे बनकर आंखो से तेरी वही तेरे दिल मे मेरा प्यार होगा जब जब हम मिलेंगे इस दुनिया मे बार बार होगा  हर बार होगा  https://ravimusicpoems.blogspot.com

Dard

Mere kahe hue har sabd ko  Unhone dil me dabadar rakha Ye jana bhi nahi ke dard hamko bhi hua hai Zakhm tha hamne jo chupakar rakha Koi bhi kami thi gar mujh me Mujhse kha hota  Gar Manjur nahi tha mera hona To kyo apna bana kar rakha Ham to jee lete the  Bas unki ek muskan par Par unko nahi aitbaar tha hampe Jinko tha palko par Saja kar rakha Ab to bas gam hai tanhai hai  Charo taraf jaise andera chaya hai Main khud ko na de paya roshni kabhi Lekin unka jeevan hamesha Jagmagakar rakha Ab tum hi batao kya main galat tha Ya mera vaham tha, Ke tum sahi the Sanse bankar chalte the tum sine me mere Aur Dil me tha dhadkan banakar rakha https://ravimusicpoems.blogspot.com/