मेरे लफ़्ज़ों से नही होती है बयान मेरी चाहत कुछ पल मुझे अब खामोश रहने दो जो मेरे दिल मे है, दिमाग़ इजाज़त नही देता मुकम्मल हो मेरी खावहिश, इबादत कर तो लेने दो रास्तों का क्या है, आज और कल मे बदल जाएँगे सफ़र के है हम, सफ़र हमारा है संभल जाएँगे अब हर मौसम से ना ले दुश्मनी ए ज़िंदगी मैने कुछ पल तो बिताए है यहा, बाकी भी निकल जाएँगे मुझको बस इतना बता, कौन है वो जो तुझको प्यारा है जिसके लिए मुझसे मिलना भी हुआ गवारा है हुआ एक तरफ़ा तुझसे प्यार मुझे मैने अपना सब कुछ तो तुझपे वारा है जिसे मैं समझता आया हू मोहब्बत की डगर अब आने लगे मुझको बस काँटे ही नज़र चाहे ना दे मुझको तू मरहम ए मेरे दोस्त इस र हा पे चलने का होसला दे मगर लोग लिया करते थे साँसे जिंदा रहने के लिए अब कुछ है ही नही मेरे पास, तुमसे कहने के लिए करूँगा क्या मैं अब इन सांसो का तू ही बता जिनमे तेरा प्यार ना राज़ी हो अब बहने के लिए आज हंसते है मुझ पर, जिन्हे कल मुझपे ऐतबार था भूल थी वो मेरी, मैं समझा मुझसे प्यार था सुबह से कर लेता था शाम उसके एक दीदार को माला फुलो की नही थी वो, कांटो कर ह
Follow your heart But take your Brain with you...