कैसे बनाया तुझको खुदा ने , कैसे सवारा होगा जो तेरी ना तारिफ करु , हर लफ्ज गवारा होगा सूरज सी चमक चेहेरे पे तेरे , आँखो मे अमावस छाई है पूनम सा है प्रकाश तेरा , क्या तू जन्नत से आई है रागो मे राग नीराला है , इस युग की तू मधुबाला है ये जुल्फ घनेरी शामो सी , ये होठ तेरे मधुशाला है हाँथो मे ऐसा जादू है , छुने से कमल खिल जाता है जब भी दिदार तेरा करलू , इस दिल को सुकुन मिल जाता है जिस राह पे कदम तुम रख देती , उस रस्ते मंजिल आ जाये हम सफर गर तुम हो मेरे , हर सफर मुक्क्मल हो जाये अब इस उम्मीद पर जींदा हुँ , तुम आकर मुझको थाम लेना जो ऐतबार ना हो मेरा , मैं था ही नही ये मान लेना........मै था ही नही ये मान लेना https://ravimusicpoems.blogspot.com/
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