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Showing posts from October, 2017

Outfit

कैसे बनाया तुझको खुदा ने , कैसे सवारा होगा जो तेरी ना तारिफ करु , हर लफ्ज गवारा होगा                        सूरज सी चमक चेहेरे पे तेरे , आँखो मे अमावस छाई है                पूनम सा है प्रकाश तेरा , क्या तू जन्नत से आई है रागो मे राग नीराला है , इस युग की तू मधुबाला है                       ये जुल्फ घनेरी शामो सी , ये होठ तेरे मधुशाला  है                         हाँथो मे ऐसा जादू है , छुने से कमल खिल जाता है जब भी दिदार  तेरा करलू , इस दिल को सुकुन मिल  जाता है जिस राह पे कदम तुम रख देती , उस रस्ते मंजिल आ जाये हम सफर गर तुम हो मेरे , हर सफर मुक्क्मल हो जाये अब इस उम्मीद पर जींदा हुँ , तुम आकर मुझको थाम लेना जो ऐतबार ना हो मेरा , मैं था ही नही ये मान लेना........मै था ही नही ये मान लेना https://ravimusicpoems.blogspot.com/

RaaZ

तुम दिल से मुझे भुलाओगे कैसे तुम यादों को मेरी मिटाओगे कैसे  दफ़न राज रखता था जो शीने मे अपने  अब इस राज़ को तुम छुपाओंगे कैसे   ना पत्थर हू मैं, ना मैं पानी ही हूँ  इक छोटी सी आग जवानी की हूँ  ना बीत जाएँ रातें इशी कशमकश मे  लगी आग दिल मे बुझाओगे कैसें  झलकता है आँसू जब आँखों मे तेरी  थम जाती है दिल की धड़कन भी मेरी  तुम चेहरा तो बेसक छुपालोगे अपना  बहकते कदम रोक पाओगे कैसे   सजदों मे माँगा है दुआओं मे माँगा है तुझे मैने हर पल वफाओ मे माँगा है ऐतबार नही गर मोहब्बत पर मेरी  मोहब्बत को कामिल बनाओगे कैसें  ख्वाहिस ना मुझे ओर जीने की होती  वक़्त पे ना बात अगर पीने की  होती  बहा चला हूँ गम अपना मैखाने मे साथी  बिना मेरे उम्र ये बीताओगे कैसें  दफ़न राज रखता था जो शीने मे अपने  अब इस राज़ को तुम छुपाओंगे कैसे  || https://ravimusicpoems.blogspot.com/