होठों से वो बात ना निकली मेरे जो आँखों ने बयान की है इतनी खुशी नही माँगी खुदा से जो बिन माँगे दी है तू ज़रिया जैसे जीने का हर पल यही याद दिलाता है रब याद मुझे चाहे हो ना हो तेरा नाम लबो पे आता है जब कभी कभी तुम भूले से रवि कहकर मुझे बुलाते हो एक पल को सामने होकर भी अगले ही पल खो जाते हो रस्तो का सफ़र ही जीवन है मंज़िल तक किसको जाना है मेरे दिल मे कोई अरमान नही सिवा इसके तुम्हे बस पाना है हर मौसम मे चहेरा तेरा फुलो की तरह खिलता है जब तुम खिल के मुस्काती हो मेरे दिल को सुकून मिलता है मेरी हर बात अधूरी होती है पर अपनी सब कह जाते हो कब दिल की चोखट तक आओगे जैसे सपनो मे आते हो……… ravimusicpoems.blogspot.com
Follow your heart But take your Brain with you...