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Showing posts from June, 2018

एक सपना

होठों से वो बात ना निकली मेरे जो आँखों ने बयान की है इतनी खुशी नही माँगी खुदा से जो बिन माँगे दी है तू ज़रिया जैसे जीने का हर पल यही याद दिलाता है रब याद मुझे चाहे हो ना हो तेरा नाम लबो पे आता है जब कभी कभी तुम भूले से रवि कहकर मुझे बुलाते हो  एक पल को सामने होकर भी अगले ही पल खो जाते हो रस्तो का सफ़र ही जीवन है मंज़िल तक किसको जाना है मेरे दिल मे कोई अरमान नही सिवा इसके तुम्हे बस पाना है हर मौसम मे चहेरा तेरा फुलो की तरह खिलता है जब तुम खिल के मुस्काती हो मेरे दिल को सुकून मिलता है मेरी हर बात अधूरी होती है पर अपनी सब कह जाते हो कब दिल की चोखट तक आओगे जैसे सपनो मे आते हो……… ravimusicpoems.blogspot.com